बेंगलुरु:चंद्रयान-3 के चांद पर सफल लैंडिंग के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिकों सहित पूरे देश की जनता में खुशी का माहौल है, लेकिन ऐसे में इसरो से एक ऐसी खबर सामने आई है जो बेहद गमगीन है। दरअसल, चंद्रयान-3 मिशन की लॉन्चिंग के समय उलटी गिनती करने वाली इसरो की वैज्ञानिक एन वलारमथी (N Valarmathi)का आज चेन्नई में कार्डियक अरेस्ट के कारण निधन हो गया है। चंद्रयान-3 की सफलता पर खुशी के बीच वलारमथी के निधन के बाद विज्ञान जगत में शोक की लहर है।
उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए, इसरो के पूर्व निदेशक डॉ. पीवी वेंकटकृष्णन ने ट्विटर पर कहा कि, ‘वलारमथी मैडम की आवाज श्रीहरिकोटा से इसरो के भविष्य के मिशनों की उलटी गिनती के लिए अब नहीं होगी। चंद्रयान-3 उनकी अंतिम उलटी गिनती की घोषणा थी। एक अप्रत्याशित निधन. बहुत दुख महसूस हो रहा है, प्रणाम!।’इसके अलावाकेंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
बता दें कि चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था। लॉन्चिंग के समय होने वाले वाले काउंटडाउन को वैज्ञानिक एन वलारमथी ने ही आवाज दी थी। हालांकि किसी को इस बात का अंदेशा नहीं था कि वलारमथी द्वारा दी जा रही यह आवाज आखिरी है। इससे पहले भी उन्होंने कई रॉकेट लॉन्च की उलटी गिनती में अपनी आवाज दी थी।
साल 1984 से ही इसरो से जुड़ी एन वलारमथी मूल रूप से तमिलनाडु के अरियालुर की रहने वालीं थीं। उनका जन्म 31 जुलाई 1959 को हुआ था। उन्होंने कई अभियानों के लिए काम किया। वह भारत के पहले स्वदेशी रूप से विकसित रडार इमेजिंग सैटेलाइट (RIS) और देश के दूसरे ऐसे उपग्रह RISAT-1 की प्रोजेक्ट डायरेक्टर थीं। RISAT-1 को अप्रैल 2012 में सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था। वलारमथी को तमिलनाडु सरकार द्वारा पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की स्मृति में स्थापित प्रतिष्ठित अब्दुल कलाम पुरस्कार दिया गया था। वलारमथी यह अवार्ड पाने वालीं पहली व्यक्ति थीं।